“पेहले तेरी थी जुस्तजु मुझको” “अब मै अपनी तलाश करता हु”

“पेहले तेरी थी जुस्तजु मुझको” “अब मै अपनी तलाश करता हु”
सब कुछ मुझ को तुझे चाहने के बाद ! अब क्या खुदा से मांगू तुझे माँगने के बाद!
प्यार मे कोई दिल तोड़ देता है दोस्ती मे कोई भरोसा तोड़ देता है ज़िंदगी जीना तो कोई गुलाब से सीखे जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देत...
तुज़से दोस्ती करने का हिसाब ना आया, मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया, हम तो जागते रहे तेरे ही ख़यालो मे, और तुझे सो कर भी हमारा ख्व...
नज़र को नज़र की खबर ना लगे, कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे, आपको देखा है बस उस नज़र से, जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे.
तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है इस बात को सब से छुपाना भी इश्क़ है यूँ तो रातों को नींद नही आती पर रातों को सो कर भी जाग जाना इश्क...
–––“कोई और ही काम सौंप दो मुझे”––– “ये क्या तुम्हे सोचना और सोचते ही रेहना”
–––“होस–ए–हालात पे काबु तो कर लिया मैने”––– “उन्हे देखके फिर होस खो गये तो क्या होगा ?”
–––––“हमारी बेखुदीका हाल वो पुछे अगर”––––– “तो केहना होस बस इतना है तुमको याद करते है”
“बस इतनी गुजारीश है एक मोहब्बत मे मेरे मौला” ”मुझे नाकाम होने से जरा पेहले दुनिंयासे उठा लेना”
–“मोहब्बत हो चुकी पुरी”– “चलो अब जख्म गिनते है”
“मोहब्बतो की सजा बेमिशाल दि उसने” “उदास रेहने कि आदत सी डाल दी उसने”