–“ढल गई है राते ढल्ते ढल्ते, बुझ गई सामे जल्ते जल्ते”– “जाने कितनी दुर है मंजिल, थक गये हम युही चलते चलते” ––––––––––––––––––––––––––––...

–“ढल गई है राते ढल्ते ढल्ते, बुझ गई सामे जल्ते जल्ते”– “जाने कितनी दुर है मंजिल, थक गये हम युही चलते चलते” ––––––––––––––––––––––––––––...
जिदिंगी के सारे खाकें हि अधुरे रेह गयें, मै तेरी तस्बीर मे बस रंङ्ग भरता रेह गया
चलो आज एक नया काम करते है, चलो आज उसे यु सरेआम करते है उसका नाम लिखते है दिवारों पर अक्सर, और उसे आँख बंद करके सलाम करते है
यु तो पास से हजार बार गुजरा, आज इस लिए आया कि बिमार था, सरकश लेहेजा और माथे पे बल, जाने इसे जिस चिज का खुमार था, वो गुस्से मे और...
वो एक चेहरा फिर कभी न देख पाया , व़ो एक हँसी जिसको कभी न समेट पाया , एक दिन अचानक बिछड़ के फिर न मिल पाया , वरना मिलने वालो को बिछड़ ब...
उनका भी कभी हम दीदार करते है उनसे भी कभी हम प्यार करते है क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है !
“निंद भि मेहबुबा बन गई है” “बेवफा रात भर नहीं आती”
जमाना बडा बेवफा है, इसका एैतबार मत करना, खुदको भुल जाना मगर किसिका इंतजार मत करना, अगर वो कभि भुलकर लौट आयें तो, इसकी मोहब्ब्त का ...
इस सायरीका हरेक शब्द समर्पित है मेरे मधेशी भाइयो के लिए जो शदियो से शोषण मे रहे है । “ये मेरे मधेश के लोगो तुम शिकायत क्यु नही करते...
न किसि कि आँखो का नुर हु, न किसि कि दिलका करार हु । किसि भि काम मे जो ना आ सके, मै वो पथ्थर से बना इंसान हु ।।
लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती, लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है
“घर से बाहर तो निकल आया सफर के शौख मे” “जब गली मे कदम रख्खा तो सामने रास्ता ना था”
“हम तुम्हे भुल के खुश बैठे है” “हमसा बेदर्द कोई क्या होगा”
–––“तुने कहा था ना मै कस्ती पे बोझ हु”––– “आँखोको अब ना बन्द कर मुझे डुबता भि देख”
––––“रोज सोचता हुँ भुल जाउंगा उसे”–––– “मगर नजाने क्यू रोज ये बात भुल जाता हुँ”
“हर गमको खुशीमे बदलती है दोस्ती” “हर आँसु को हसी मे बदलती है दोस्ती” “कुछ लोग समझ नहिं पाते के” “अन्धेरी रात का दिया है दोस्ती”
“जिंदा रहे तो क्या है, जो मर जायें हम तो क्या” –“दुनिंया से खामोशी से गुजर जायें हम तो क्या”–
“मुझे तुम नजर से गिरा तो रहे हो” “मुझे तुम कभि भुला ना सकोगे” “ना जाने मुझे क्यु यकि हो चला है” “मेरी यादोंको तुम मिटा ना सकोगे” ...
“पेहले तेरी थी जुस्तजु मुझको” “अब मै अपनी तलाश करता हु”
सब कुछ मुझ को तुझे चाहने के बाद ! अब क्या खुदा से मांगू तुझे माँगने के बाद!
प्यार मे कोई दिल तोड़ देता है दोस्ती मे कोई भरोसा तोड़ देता है ज़िंदगी जीना तो कोई गुलाब से सीखे जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देत...
तुज़से दोस्ती करने का हिसाब ना आया, मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया, हम तो जागते रहे तेरे ही ख़यालो मे, और तुझे सो कर भी हमारा ख्व...
नज़र को नज़र की खबर ना लगे, कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे, आपको देखा है बस उस नज़र से, जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे.
तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है इस बात को सब से छुपाना भी इश्क़ है यूँ तो रातों को नींद नही आती पर रातों को सो कर भी जाग जाना इश्क...
–––“कोई और ही काम सौंप दो मुझे”––– “ये क्या तुम्हे सोचना और सोचते ही रेहना”
–––“होस–ए–हालात पे काबु तो कर लिया मैने”––– “उन्हे देखके फिर होस खो गये तो क्या होगा ?”
–––––“हमारी बेखुदीका हाल वो पुछे अगर”––––– “तो केहना होस बस इतना है तुमको याद करते है”
“बस इतनी गुजारीश है एक मोहब्बत मे मेरे मौला” ”मुझे नाकाम होने से जरा पेहले दुनिंयासे उठा लेना”
–“मोहब्बत हो चुकी पुरी”– “चलो अब जख्म गिनते है”
“मोहब्बतो की सजा बेमिशाल दि उसने” “उदास रेहने कि आदत सी डाल दी उसने”