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ये उस्का हुस्न था या मेरा प्यार था


यु तो पास से हजार बार गुजरा, 
आज इस लिए आया कि बिमार था, 
सरकश लेहेजा और माथे पे बल, 
जाने इसे जिस चिज का खुमार था, 
वो गुस्से मे और भि निखरता जा रहा था, 
ये उस्का हुस्न था या मेरा प्यार था । 

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