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उसका नाम लिखते है दिवारों पर अक्सर

उसका नाम लिखते है दिवारों पर अक्सर

चलो आज एक नया काम करते है,  चलो आज उसे यु सरेआम करते है उसका नाम लिखते है दिवारों पर अक्सर, और उसे आँख बंद करके सलाम करते है

ये उस्का हुस्न था या मेरा प्यार था

ये उस्का हुस्न था या मेरा प्यार था

यु तो पास से हजार बार गुजरा,  आज इस लिए आया कि बिमार था,  सरकश लेहेजा और माथे पे बल,  जाने इसे जिस चिज का खुमार था,  वो गुस्से मे और...

भीड़ मे खुद को जब भी पाया तो तन्हा ही पाया

भीड़ मे खुद को जब भी पाया तो तन्हा ही पाया

वो एक चेहरा फिर कभी न देख पाया , व़ो एक हँसी जिसको कभी न समेट पाया , एक दिन अचानक बिछड़ के फिर न मिल पाया , वरना मिलने वालो को बिछड़ ब...

क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी

क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी

उनका भी कभी हम दीदार करते है  उनसे भी कभी हम प्यार करते है क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी  पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है !

खुदको किसिके लिए बरबाद मत करना

खुदको किसिके लिए बरबाद मत करना

जमाना बडा बेवफा है, इसका एैतबार मत करना,  खुदको भुल जाना मगर किसिका इंतजार मत करना,  अगर वो कभि भुलकर लौट आयें तो,  इसकी मोहब्ब्त का ...

“तुम इतने जुल्म सेहकर भि बगावत क्यु नही करते”

“तुम इतने जुल्म सेहकर भि बगावत क्यु नही करते”

इस सायरीका हरेक शब्द समर्पित है मेरे मधेशी भाइयो के लिए जो शदियो से शोषण मे रहे है ।   “ये मेरे मधेश के लोगो तुम शिकायत क्यु नही करते...

 
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