जिदिंगी के सारे खाकें हि अधुरे रेह गयें, मै तेरी तस्बीर मे बस रंङ्ग भरता रेह गया

जिदिंगी के सारे खाकें हि अधुरे रेह गयें, मै तेरी तस्बीर मे बस रंङ्ग भरता रेह गया
चलो आज एक नया काम करते है, चलो आज उसे यु सरेआम करते है उसका नाम लिखते है दिवारों पर अक्सर, और उसे आँख बंद करके सलाम करते है
यु तो पास से हजार बार गुजरा, आज इस लिए आया कि बिमार था, सरकश लेहेजा और माथे पे बल, जाने इसे जिस चिज का खुमार था, वो गुस्से मे और...
वो एक चेहरा फिर कभी न देख पाया , व़ो एक हँसी जिसको कभी न समेट पाया , एक दिन अचानक बिछड़ के फिर न मिल पाया , वरना मिलने वालो को बिछड़ ब...
उनका भी कभी हम दीदार करते है उनसे भी कभी हम प्यार करते है क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है !
“निंद भि मेहबुबा बन गई है” “बेवफा रात भर नहीं आती”
जमाना बडा बेवफा है, इसका एैतबार मत करना, खुदको भुल जाना मगर किसिका इंतजार मत करना, अगर वो कभि भुलकर लौट आयें तो, इसकी मोहब्ब्त का ...
इस सायरीका हरेक शब्द समर्पित है मेरे मधेशी भाइयो के लिए जो शदियो से शोषण मे रहे है । “ये मेरे मधेश के लोगो तुम शिकायत क्यु नही करते...
न किसि कि आँखो का नुर हु, न किसि कि दिलका करार हु । किसि भि काम मे जो ना आ सके, मै वो पथ्थर से बना इंसान हु ।।
लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती, लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है