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–––“दिन बहोत होगए यारों ने कोई इनायत नहीं की”–––

“ना कोई इल्जाम, ना कोइ तर्ज, ना कोई रुसवाई अरुण”
–––“दिन बहोत होगए यारों ने कोई इनायत नहीं की”–––

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