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–––––––“वो तो बारीश कि बुंदे देख कर खुश होते है”–––––––

–––––––“वो तो बारीश कि बुंदे देख कर खुश होते है”–––––––
“मगर उन्हे क्या मालुम हर गिरने वाला कतरा पानी नहि होता”

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