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आज वो मुद्दत मे बाद आई भि, बस ये केहने

आज वो मुद्दत मे बाद आई भि,
बस ये केहने

“जाना”

मेरे सारे खत लौटा दो,
सब तस्बिरे, कलम, किताबे

वापीस करदो सारे तोफे
मुझसे सब कुछ मांगने वाली

जाते जाते

मेरे कमरे कि चौकठ पर
छोड गयी है

“अपने आपको”

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